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जीनियस दिमाग::-                     क्लास ऐट में हम फिजिक्स की कॉपी नहीं बनाये थे और कॉपी चेक कराने का बहुत प्रेसर था,मैडम भी बहुत एस्टि्रक्ट थीं.... पता चलता तो हमको उल्टा ही टांग देतीं, पूरे 9 chapter हो चुके थे लड़के 40 40 वाले रजिस्टर भर चुके थे और हमारे पास जो भी था एक रफ़ कॉपी में ही था, 2 रात तो एक मिनट नींद नहीं आयी, ऊपर से पापा को पता चलने का डर... चेकिंग का दिन आया, मैडम ने चेकिंग शुरू की....21 रोल नंबर वालों तक कि कॉपी चेक हुई और घंटा लग गया, हमने राहत की सांस ली...तभी मैडम ने जल्दी जल्दी में कहा कि सभी बच्चे कॉपी जमा कर दो मैं चेक करके भिजवा दूंगी... तभी हमारा शातिर दिमाग घूमा, हम भीड़ में कॉपियों तक गए और जैसे एलजेब्रा में मान लेते हैं न ठीक वैसे ही हमने मान लिया कि कॉपी हमने जमा कर दी। अब कॉपी का टेंशन मैडम का। 2 दिन बाद सबकी कॉपी आयीं, हमारी नहीं आयी...आती भी कैसे? अब हम गए मैडम के पास की मैडम हमारी कॉपी नहीं आयी, वो बोलीं की मैं चेक कर लूंगी स्टाफरूम में होगी, अगले दिन हम फिर पहुंच गए कि मैडम हमारी कॉपी, मैडम बोलीं कि स्टाफरूम में तो है नहीं मेरे
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Ankho ke Kuch important topic    ************************** हमारी पृथ्वी अन्य ग्रहो से बिलकुल अलग है और खास भी कारण धरती पर जीवन का होना। वैसे तो पृथ्वी पर असंख्य जीव है परंतु जब बात प्रतिभाशाली परिष्कृत जीव की होगी सर्वप्रथम स्थान “मानव”। मनुष्य धरती पर सबसे प्रतिभाशाली जीव है क्योंकि मनुष्य देखने,सोचने,समझने और कार्य करने में पूर्णतः सक्षम है। मनुष्य को प्रतिभाशाली बनाने में सबसे ज्यादा योगदान मस्तिष्क और आँखों का है। हमलोग एक त्रिआयामी संसार(Three dimensional world)में रहते है हालांकि चौथा आयाम(Dimension)समय है पर समय के बारे में हमारी जानकारी अभी अपूर्ण है। हमारी आँखे सभी चीजों को त्रिआयामी छवि(Three dimensional image)के रूप में देखती है। मानव नेत्र एक प्रकाशीय यंत्र है जो फोटोग्राफिक कैमरे की तरह की व्यवहार करती है। हमसब जानते है जब प्रकाश किसी वस्तु से टकराकर हमारी दृष्टिपटल(Retina)पर पड़ता है तो उस वस्तु का प्रतिबिंब रेटिना पर बनता है रेटिना नेत्र का प्रकाश सुग्राही भाग(light sensitive part)है। दृक तांत्रिक(optic nerve)यह रेटिना पर बनने वाले प्रतिविंब को संवेदनाओ द्वारा
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बिजली विभाग के कर्मचारियों की मनमानी   *************************** आप सभी से एक बात शेयर करना चाहता हूँ।मैं अकेला इस सिस्टम को नही बदल सकता।मैं इस विषय में बात करने phase 1 के  बिजली दफ्तर  गया था। लेकिन मैं उनके जवाब से में संतुष्ट नहीं हूं। उनका जवाब था,, की हमारे डिपार्टमेंट के पास बिल बॉटने वाले कर्मचारी कम है। इस वजह से 2 महीने का बिल भेजा जाता है। फिर मैंने उनसे जब ये कहा कि कॉमर्शियल बिल तो आप हर महीने भिजवा देते हैं। तो डोमेस्टिक बिल हर महीने क्यों नही भिजवाते। फिर एक लंबी चुप्पी के साथ बात खत्म कर दी। इस लिये आप सबका साथ चाहिए इस बिल कम करने वाली मुहिम में धन्यवाद  *सभी Bill एक महीन में* *पर बिजली का बिल..* *2 महीने से क्यों...???* *जानिये इसके पीछे का* *राज..* *जागो ग्राहक जागो* कभी आपने सोचा की बिजली का बिल दो महीने बाद क्यों आता है ?? क्योकि सरकार आम लोगो को ठग रही है । आपके मीटर की रीडिंग 150 यूनिट तक 2 रूपए यूनिट । 400 हो जाए तो 3 रूपए यूनिट और 500 से 800 यूनिट हो जाए तो 6 रूपए के हिसाब से पूरे बिल लेती है। अब अगर एक महीने बाद बिल आए तो नॉर्मल ल
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एक एसडीएम की कहानी -- ********************* आज स्कूल में शहर की महिला SDM आने वाली थी क्लास की सारी लड़कियां ख़ुशी के मारे फूले नहीं समां रही थी ...सबकी बातों में सिर्फ एक ही बात थी SDM .. और हो भी क्यों न आखिर वो भी एक लड़की थी ....पर एक ओर जब सब लड़कियां व्यस्त थी SDM की चर्चाओं में ....एक लड़की सीट की लास्ट बेंच पर बैठी पेन और उसके कैप से खेल रही थी ...उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था कौन आ रहा है और क्यों आ रहा है ? .वो अपने में मस्त थी ....वो लड़की थी आरुषि ...!!! आरुषि पास के ही एक गांव के एक किसान की एकलौती बेटी थी .....स्कूल और उसके घर का फासला लगभग 10 किलोमीटर का था जिसे वो साइकिल से तय करती थी .....स्कूल में बाकि की सहेलियां उससे इसलिए ज्यादा नहीं जुड़कर रहती थी क्योंकि वो उनकी तरह रईस नहीं थी लेकिन इसमें उसका क्या दोष था ...?...... खैर उसकी जिंदगी सेट कर दी गयी थी इंटरमीडिएट के बाद उसे आगे नहीं पढ़ा सकते थे ....क्योंकि उसके पापा पैसा सिर्फ एक जगह लगा सकते थे या शादी में और या तो आगे की पढाई में ....उसके परिवार में कोई भी मैट्रिक से ज्यादा पढ़ा नहीं था .... बस यही रोड मैप उसके आँखों के
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Masti with friends,manish madhav & shahfahad